संतुलित मूल्यांकन पत्रक (Balanced Scorecard)
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प्रतीकात्मक चित्र साभार NightCafe
परिचय
संतुलित मूल्यांकन पत्रक (Balanced Scorecard) एक रणनीतिक आयोजना और प्रबंधन (strategic planning and management) और प्रदर्शन मापन (performance measurement) का तंत्र (framework) या उपकरण (tool) है। इस मूल्यांकन पत्रक को 1992 में डॉ. रॉबर्ट कपलान (Robert S. Kaplan) और डॉ. डेविड नॉर्टन (David P. Norton) ने विकसित किया था। यह मूल्यांकन पत्रक पारंपरिक वित्तीय मापदंडों (financial metrics) से आगे बढ़कर संगठन के प्रदर्शन (performance) को चार अलग-अलग परिप्रेक्ष्य (Perspectives) से मापता (measure) है ताकि दीर्घकालिक रणनीति (long-term strategy) को प्रभावी ढंग से लागू (implement effectively) किया जा सके।
मुख्य परिपेक्ष्य
संतुलित मूल्यांकन पत्रक के चार मुख्य परिप्रेक्ष्य (Four Perspectives) हैं, जिन्हें वित्तीय परिपेक्ष्य, ग्राहक परिपेक्ष्य, आंतरिक प्रक्रिया परिपेक्ष्य और सीख एवं विकास परिप्रेक्ष्य में विभाजित किया गया है।
(1) वित्तीय परिप्रेक्ष्य (Financial Perspective) - इस परिपेक्ष्य के अंतर्गत संस्था यह मूल्यांकन करने का प्रयास करती है कि संस्था का वित्तीय स्वास्थ्य कैसा है तथा संस्था के शेयरधारक संस्था को कैसे देखते हैं? उदाहरण के लिए मुख्य निष्पादन संकेतक (KPIs) क्या हैं - राजस्व वृद्धि कितनी है, लाभ मार्जिन (profit margin) कितना है, नियोजित पूंजी पर प्रतिफल (ROCE - Return on Capital Employed) कितना है, लागत में कमी के तरीके अपनाए गए, नकदी प्रवाह नियोजित है आदि। इस मूल्यांकन का मुख्य केंद्रबिंदु (focus) यह होता है कि संस्था आर्थिक रूप से कितनी सफल है?
(2) ग्राहक परिप्रेक्ष्य (Customer Perspective) - इसके अंतर्गत संस्था यह मूल्यांकन करने का प्रयास करती है कि संस्था के ग्राहक संस्था को कैसे देखते हैं? उदाहरण के लिए मुख्य निष्पादन संकेतक (KPIs) क्या हैं - ग्राहक संतुष्टि मूल्यांकन, ग्राहक प्रतिधारण दर, बाजार हिस्सेदारी, शुद्ध प्रमोटर मूल्यांकन (NPS - Net Promoter Score), डिलीवरी समय आदि क्या हैं। इस मूल्यांकन का मुख्य केंद्रबिंदु (focus) यह होता है कि ग्राहकों की जरूरतें पूरी की जाएं और उनके लिए मूल्य (value) सृजित हो।
(3) आंतरिक प्रक्रिया परिप्रेक्ष्य (Internal Process Perspective) - इसके अंतर्गत संस्था यह मूल्यांकन करने का प्रयास करती है कि संस्था को किस चीज में उत्कृष्ट होना चाहिए? उदाहरण के लिए मुख्य निष्पादन संकेतक (KPIs) क्या हैं - उत्पादन चक्र समय, गुणवत्ता दर, प्रक्रिया दक्षता, नवाचार पाइपलाइन, ऑपरेशनल एक्सीलेंस, सप्लाई चेन प्रदर्शन आदि। इस मूल्यांकन का मुख्य केंद्रबिंदु (focus) यह होता है कि संस्था उन आंतरिक प्रक्रियाओं का पता लगाए जिनमें संस्था को सुधार करना जरूरी है।
(4) सीख एवं विकास परिप्रेक्ष्य (Learning and Growth Perspective) - इसके अंतर्गत संस्था यह मूल्यांकन करने का प्रयास करती है कि क्या संस्था निरंतर सुधार की ओर बढ़ रही है और मूल्य (value) सृजित कर पा रहे है? उदाहरण के लिए मुख्य निष्पादन संकेतक (KPIs) क्या हैं - कर्मचारी संतुष्टि, कर्मचारी टर्नओवर दर, प्रशिक्षण घंटे प्रति कर्मचारी, आईटी सिस्टम क्षमता, संस्था-संस्कृति, नवाचार की संख्या आदि। इस मूल्यांकन का मुख्य केंद्रबिंदु (focus) यह होता है कि संस्था में कर्मचारी, प्रणाली (system) और संस्था की प्रक्रियाओं की क्षमता बढे।
विशेषताएँ
संतुलित मूल्यांकन पत्रक संस्था की रणनीति को मापने योग्य बनाता है। यह संस्था की दूरदृष्टि (vision) और रणनीति (strategy) को ठोस लक्ष्य (concrete goals), मापदंड (measures), लक्ष्य मान (targets) और पहल (initiatives) में बदल देता है। कारण-और-प्रभाव संबंध (Cause-and-Effect Relationship) दृष्टि से देखा जाए तो चारों परिप्रेक्ष्य एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। उदाहरण के लिए कर्मचारियों का बेहतर सीख और विकास (Learning & Growth), जिससे प्रक्रियाएँ (Internal Process) बेहतर होती है, परिणामस्वरूप बेहतर ग्राहक संतुष्टि (Customer satisfaction) और बेहतर वित्तीय परिणाम (Financial results) मिलते है। संतुलित मूल्यांकन पत्रक के अंतर्गत सामान्यतः एक रणनीति मानचित्र (Strategy Map) बनाया जाता है, जो यह दिखाता है कि कैसे निचले स्तर के लक्ष्य ऊपरी स्तर के वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करते हैं।
लाभ
(1) संतुलित मूल्यांकन पत्रक केवल वित्तीय परिणामों पर केंद्रित नहीं करता, दीर्घकालिक संस्था के स्वास्थ्य पर भी ध्यान देता है।
(2) संतुलित मूल्यांकन पत्रक संस्था की रणनीति को पूरी संस्था में संरेखित (align) करता है।
(3) संतुलित मूल्यांकन पत्रक सभी स्तरों पर कर्मचारियों को स्पष्टता देता है कि उनका काम रणनीति से कैसे जुड़ा है।
(4) संतुलित मूल्यांकन पत्रक की नियमित समीक्षा से रणनीति में जरूरी सुधार किए जा सकते हैं।
वर्तमान में दुनिया की बहुत सी कंपनियाँ (जैसे Apple, Volkswagen, Tata Group, HDFC Bank, Reliance आदि भारतीय कंपनियाँ भी) और सरकारी / गैर-लाभकारी संस्थाएँ संतुलित मूल्यांकन पत्रक का उपयोग करते हैं।
संक्षेप में संतुलित मूल्यांकन पत्रक (Balanced Scorecard) केवल एक प्रदर्शन मापन उपकरण (Performance measurement tool) ही नहीं है, बल्कि एक रणनीतिक प्रबंधन प्रणाली (Strategic management system) है जो संस्था को उसकी अपनी रणनीति को सफलतापूर्वक लागू करने में मदद करता है।
सादर,
केशव राम सिंघल