जोखिम प्रबंधन प्रक्रिया का सर्वप्रथम प्रादुर्भाव बीमा एजेंटों द्वारा विकसित किया गया था। उन्होंने जोखिम को कम करने और इस प्रकार देनदारियों को कम करने में ग्राहकों की मदद करके अपने बीमा व्यवसाय को वित्तीय बर्बादी से बचाने के लिए तकनीक विकसित की। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जोखिम प्रबंधन का अध्ययन शुरू हुआ, लेकिन यह विषय ज्यादातर बीमा के उपयोग हेतु जोखिम का प्रबंधन करने के अध्ययन के रूप में शुरू हुआ। बाद में, 1950 के दशक से 1970 के दशक तक, जोखिम प्रबंधकों को यह महसूस होना शुरू हुआ कि बीमा के साथ हर जोखिम का प्रबंधन करना बहुत महंगा था, इसलिए बीमा के विकल्प के लिए इस विषय का विस्तार करना शुरू कर दिया। उदाहरण के लिए, प्रशिक्षण और सुरक्षा कार्यक्रमों को विकल्प माना जाता था। 1970 के दशक के दौरान जोखिम प्रबंधन उपकरणों के रूप में डेरिवेटिव (derivatives) का उपयोग हुआ, और 1980 के दशक के दौरान तेजी से विस्तार हुआ, क्योंकि संगठनों ने अपने वित्तीय जोखिम प्रबंधन को तेज किया। अंतरराष्ट्रीय जोखिम विनियमन (International risk regulation) 1980 के दशक में शुरू हुआ, और वित्तीय फर्मों ने अप्रत्याशित जोखिमों (unanticipated risks) के खिलाफ बचाव और नियामक पूंजी को कम करने के लिए आंतरिक जोखिम प्रबंधन मॉडल और पूंजी गणना सूत्र विकसित किए।
2008 में वैश्विक वित्तीय संकट ने पर्याप्त जोखिम प्रबंधन के महत्व को प्रदर्शित किया। तत्कालीन वैश्विक संकट के मद्देनजर संस्थागत निवेशकों के लिए जोखिम प्रबंधन उपकरणों और प्रथाओं में सुधार करना सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक था। उस समय से, जोखिमों को दूर करने के लिए वैश्विक प्रयास किए जा रहे थे। 2009 में, आईएसओ 31000 और आईईसी/आईएसओ 31010 प्रकाशित किए गए थे। 2015 में प्रकाशित आईएसओ 9001: 2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक में जोखिम आधारित सोच (RBT) की अवधारणा भी शामिल थी। आईएसओ 31000 और आईईसी/आईएसओ 31010 मानकों को संशोधित किया गया और क्रमशः आईएसओ 31000:2018 और आईईसी 31010:2019 मानकों के रूप में प्रकाशित किया गया है। आईएसओ 31000:2018 मानक संस्थाओं द्वारा सामना किए जाने वाले जोखिम का प्रबंधन करने के लिए दिशानिर्देश प्रदान करता है। इन दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन को किसी भी संस्था और उसके संदर्भ में अनुकूलित किया जा सकता है। आईईसी 31010:2019 स्थितियों की एक विस्तृत श्रृंखला में जोखिम के आकलन के लिए तकनीकों के चयन और कार्यान्वयन पर मार्गदर्शन प्रदान करता है।
आईएसओ 9001: 2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक के कार्यान्वयन के लिए आईएसओ 31000: 2018 मानक या आईईसी 31010: 2019 के कार्यान्वयन की आवश्यकता नहीं है, हालांकि इन मानकों के अध्ययन से जोखिम प्रबंधन को बेहतर तरीके से समझने का लाभ मिल सकता है।
- केशव राम सिंघल
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