पर्यावरणीय प्रभावों का प्रबंधन
आज के समय में यह अत्यंत महत्वपूर्ण प्रश्न है कि संस्थाएँ अपने पर्यावरणीय प्रभावों का प्रबंधन कैसे कर सकती हैं? सबसे महत्वपूर्ण यह है कि संस्थाएँ अपशिष्ट में कमी करें और संसाधनों का कुशल उपयोग करें। इससे सभी आकार और प्रकार की संस्थाएँ प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्राप्त कर सकती हैं और हितधारकों का विश्वास जीत सकती हैं। इसके लिए, संस्थाएँ पर्यावरणीय प्रबंधन प्रणाली (Environmental Management System - EMS) कार्यान्वित कर अपने पर्यावरणीय प्रदर्शन के सभी पहलुओं को कुशलता से संभाल सकती हैं।
पर्यावरणीय प्रबंधन प्रणाली (EMS) क्या है?
पर्यावरणीय प्रबंधन प्रणाली संस्थाओं को उनके पर्यावरणीय मुद्दों को समग्र रूप से पहचानने, प्रबंधित करने, निगरानी करने और नियंत्रित करने में मदद करती है। आईएसओ 14001 एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मानक है, जो पर्यावरणीय प्रबंधन प्रणाली के लिए आवश्यकताओं को निर्धारित करता है।
आईएसओ 14001:2015
आईएसओ 14001 उन मानकों में से एक है, जिसे अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संस्था "आईएसओ" ने विकसित किया है। यह सभी प्रकार और आकार की संस्थाओं के लिए उपयुक्त है—चाहे वे निजी हों, गैर-लाभकारी हों, या सरकारी। यह मानक संस्थाओं को उनके संचालन से संबंधित सभी पर्यावरणीय मुद्दों पर विचार करने के लिए प्रेरित करता है। इसमें वायु प्रदूषण, जल और सीवेज, अपशिष्ट प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन शमन, और संसाधन उपयोग और दक्षता जैसे मुद्दे शामिल हैं।
आईएसओ 14001:2015 के प्रमुख सुधार
2015 में संशोधित आईएसओ 14001 मानक में कुछ प्रमुख सुधार शामिल किए गए थे, जिनमें से प्रमुख हैं:
- संस्था की रणनीतिक योजना में पर्यावरण प्रबंधन की प्रमुखता।
- नेतृत्व की भूमिका और निवेश को मजबूत किया गया।
- संसाधनों के सतत उपयोग और जलवायु परिवर्तन शमन के लिए सक्रिय पहल।
- पर्यावरणीय मुद्दों के जीवन चक्र दृष्टिकोण को अपनाना।
- हितधारक-केंद्रित सम्प्रेषण रणनीति।
आईएसओ 14001 के लाभ
संस्थाएँ अपने पर्यावरणीय प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए आईएसओ 14001 को अपनाकर निम्नलिखित लाभ प्राप्त कर सकती हैं:
- वैधानिक और विनियामक अनुपालन को सुनिश्चित करना।
- नेतृत्व और कर्मचारियों की सहभागिता बढ़ाना।
- संस्था की प्रतिष्ठा और हितधारकों का विश्वास मजबूत करना।
- पर्यावरणीय मुद्दों को रणनीतिक व्यावसायिक लक्ष्यों के साथ एकीकृत करना।
- प्रतिस्पर्धात्मक लाभ और वित्तीय बचत।
आईएसओ 14001 का अगला संस्करण
आईएसओ 14001 के अगले संस्करण के लिए काम शुरू हो चुका है, और उम्मीद है कि 2025 में इसका नया संस्करण प्रकाशित होगा। यह संस्करण भविष्य की चुनौतियों और उपयोगकर्ता फीडबैक पर आधारित होगा, जिससे इसे लागू करना और अधिक सुलभ हो सकेगा।
आईएसओ मानकों का स्रोत
आईएसओ 14001 और इससे संबंधित अन्य मानक अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संस्था "आईएसओ" के मुख्यालय से प्राप्त किए जा सकते हैं। भारत में, यह मानक ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) से प्राप्त किए जा सकते हैं।
सादर,
केशव राम सिंघल
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