बुधवार, 4 जून 2025

जागरूकता आलेख - गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (Quality Control Orders - QCO) - उपभोक्ता सुरक्षा की दिशा में एक सशक्त कदम

जागरूकता आलेख -  गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (Quality Control Orders - QCO) - उपभोक्ता सुरक्षा की दिशा में एक सशक्त कदम

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गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) भारत सरकार द्वारा जारी ऐसे नियामक प्रावधान हैं, जो सुनिश्चित करते हैं कि देश में उत्पादित, आयातित या विक्रय किए जाने वाले उत्पाद भारतीय मानकों (Indian Standards) का कड़ाई से पालन करें। ये आदेश भारत में निर्मित, आयातित या बेचे जाने वाले उत्पादों पर लागू होते हैं और इनका उद्देश्य उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण, सुरक्षित और विश्वसनीय उत्पाद उपलब्ध कराना है, जिससे भारतीय बाजार में घटिया सामान के प्रवेश को रोका जा सके। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) उत्पादों को प्रमाणित करने और QCO के अनुपालन को लागू करने के लिए जिम्मेदार है। 


गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों के प्रमुख पहलू 


1. उद्देश्य


- उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण, सुरक्षित और विश्वसनीय उत्पाद प्रदान करना। 

- घटिया एवं अविश्वसनीय उत्पादों के निर्माण और आयात पर रोक लगाना। 

- बाजार में उच्च गुणवत्ता बनाए रखना। 


2. कार्यान्वयन


- केन्द्र सरकार के अंतर्गत संबंधित नियामक मंत्रालय (Regulatory Ministries) गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) जारी करते हैं। 

- आदेश जारी होने के बाद संबंधित उत्पादों के लिए भारतीय मानकों की अपेक्षाओं (Requirements of Indian Standards) का अनुपालन अनिवार्य हो जाता है। 


3. भारतीय मानक ब्यूरो की भूमिका 


- भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के अंतर्गत सम्मिलित उत्पादों का प्रमाणन प्राधिकरण (Certification Authority) और प्रवर्तन प्राधिकरण (Enforcement Authority) है। 


- भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा प्रमाणित उत्पादों पर आईएसआई चिन्ह (ISI mark) लगाया जाता है। 


4. गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) का अनिवार्य अनुपालन


- गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) के अंतर्गत आने वाले उत्पादों पर आईएसआई चिन्ह (ISI mark) का होना अनिवार्य है। 


- बिना प्रमाणन वाले उत्पादों की बिक्री और आयात भारत में वर्जित है। 


- केन्द्र सरकार के अधीन विभिन्न नियामक मंत्रालय (Regulatory Ministries) समय-समय पर गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO)  जारी करते हैं। 


- गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) के प्रभावी होने के बाद संबंधित उत्पादों के लिए भारतीय मानकों का पालन अनिवार्य हो जाता है। 


5. गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) के गैर-अनुपालन के परिणाम 


- आर्थिक दंड लगाया जा सकता है। 

- बिना प्रमाणन वाले उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा। 

- बिना प्रमाणन वाले उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध रहेगा। 


6. गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) द्वारा कवर किए जाने वाले उत्पाद 


गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) द्वारा कवर किए जाने वाले उत्पादों की सूची दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। उदाहरण के लिए बहुत से उत्पाद निम्न से सम्बंधित हैं -  


- विद्युत उपकरण - स्विच, वायर, चार्जर आदि 

- स्टील एवं इस्पात उत्पाद - TMT बार, पाइप आदि

- रसायन - सॉल्वेंट, एसीड आदि 

- वस्त्र - हेलमेट लाइनर, सुरक्षात्मक वस्त्र 

- प्लास्टिक उत्पाद - किचनवेयर, टॉयज़ आदि 

- निर्माण सामग्री आदि 


7. गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) के अंतर्गत आए उत्पादों के लिए अनिवार्य प्रमाणन


भारत में गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) के अंतर्गत आए उत्पादों को बेचने से पहले निर्माताओं और आयातकों को भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से प्रमाणन प्राप्त करना आवश्यक है। 


8. मानकीकरण और उपभोक्ता संरक्षण


- गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) उत्पादों में एकरूपता, विश्वसनीयता और गुणवत्ता सुनिश्चित करते हैं। 

- उपभोक्ताओं को घटिया उत्पादों के बाजार में न होने से सुरक्षा मिलती है और उन्हें सुरक्षित और विश्वसनीय सामान मिलता है। 


9. व्यापार विनियमन


घटिया उत्पादों के आयात पर रोक लगाने और भारतीय आंतरिक बाजार को संरक्षित करने हेतु गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO)  एक सशक्त उपकरण है। 


सार 


गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) केवल एक कानूनी अनिवार्यता नहीं, बल्कि उपभोक्ता हित और देश की औद्योगिक छवि को सुरक्षित रखने का माध्यम भी हैं। गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO)  के प्रभावी कार्यान्वयन से भारतीय बाजार में घटिया उत्पादों का प्रवेश रोका जा सकता है, जिससे उपभोक्ताओं का विश्वास और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित होती है।


विशिष्ट गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) और उनके विवरण के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप भारतीय मानक ब्यूरो की आधिकारिक वेबसाइट देख सकते हैं।


सादर,

केशव राम सिंघल 

शनिवार, 1 मार्च 2025

आईएसओ 9001 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक का आगामी संशोधन

आईएसओ 9001 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक का आगामी संशोधन

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आईएसओ 9001 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक के आगामी संशोधन में डिजिटल परिवर्तन पर जोर दिए जाने की उम्मीद है। इसका उद्देश्य सततता, जोखिम-आधारित सोच, हितधारक जुड़ाव और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन को मजबूत करते हुए गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियों में प्रौद्योगिकी और डेटा विश्लेषण को एकीकृत करना है।


आईएसओ 9001 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली में प्रमुख प्रत्याशित परिवर्तनों में निम्नलिखित शामिल होने की संभावना हैं -


(1) डिजिटलीकरण और उद्योग 4.0 


गुणवत्ता प्रबंधन को बढ़ाने के लिए डिजिटल टूल, स्वचालन, डेटा विश्लेषण और सूचना सुरक्षा का लाभ उठाने पर अधिक ध्यान केंद्रित करना।


(2) सततता और पर्यावरणीय जिम्मेदारी 


कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और संधारणीय व्यावसायिक संचालन को बढ़ावा देने के अभ्यासों सहित गुणवत्ता प्रबंधन प्रक्रियाओं में पर्यावरणीय विचारों को एकीकृत करना।


(3) बढ़ा हुआ जोखिम प्रबंधन 


संगठन में संभावित मुद्दों की सक्रिय रूप से पहचान करना और उनका समाधान करना, जोखिम-आधारित सोच का अधिक विकास करना।


(4) मजबूत हितधारक पर केंद्रित 


ग्राहकों की जरूरतों, कर्मचारी जुड़ाव और व्यापक हितधारक अपेक्षाओं को समझने और संबोधित करने पर अधिक जोर।


(5) आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन


आपूर्तिकर्ताओं का अधिक सख्त मूल्यांकन और लचीलापन सुनिश्चित करने के लिए आपूर्ति श्रृंखला जोखिमों का प्रबंधन।


(6) नैतिकता और अखंडता


गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियों के भीतर नैतिक विचारों और नेतृत्व प्रथाओं को एकीकृत करना।


प्रमुख फोकस क्षेत्र - जैसा कि ऊपर बताया गया है, प्रत्याशित परिवर्तनों के अलावा, संशोधनमें  निम्न भी संबोधित हो सकते हैं -


गुणवत्ता संस्कृति - एक ऐसी संस्कृति को बढ़ावा देना जो गुणवत्ता उद्देश्यों और निरंतर सुधार का समर्थन करती है।


ग्राहक अनुभव - ग्राहक संतुष्टि से व्यापक ग्राहक अनुभव पर ध्यान केंद्रित करना।


ध्यान देने योग्य अतिरिक्त मुख्य बिंदु -


समयरेखा - संशोधित आईएसओ 9001 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक सितंबर 2026 में प्रकाशन के लिए निर्धारित है।


अन्य मानकों के साथ संरेखण - संशोधन का उद्देश्य एकीकृत प्रबंधन प्रणालियों को सुविधाजनक बनाने के लिए ISO 9001 को अन्य प्रबंधन प्रणाली मानकों, जैसे आईएसओ 14001 (पर्यावरण प्रबंधन) के साथ अधिक निकटता से सामंजस्य स्थापित करना है।


संगठनों पर प्रभाव: प्रमाणित संगठनों को संशोधित मानक का अनुपालन करने के लिए अपनी गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियों को अपडेट करना होगा। पिछले अनुभव के आधार पर, वर्तमान में आईएसओ 9001 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक के तहत प्रमाणित संगठनों के पास नई अपेक्षाओं को लागू करने के लिए प्रकाशन तिथि से तीन साल की ट्रांजीशन अवधि होगी।


उपरोक्त जानकारी आईएसओ 9001:2026 संशोधन के लिए वर्तमान अपेक्षाओं के अनुरूप है। संशोधन प्रक्रिया 2023 के अंत में शुरू हुई। ISO/TC 176 कार्य समूह 29 (WG 29) ने वर्तमान अपेक्षाओं की समीक्षा करने, नई तकनीकों जैसे उभरते रुझानों पर विचार करने और आईएसओ 9001 को आईएसओ 9000 के अपडेट करने के साथ संरेखित करने के लिए अपडेट शुरू किया, जिसमें बुनियादी बातें और शब्दावली शामिल हैं।


दिसंबर 2023 में 46 देशों के 80 से अधिक विशेषज्ञों को समीक्षा के लिए एक कार्यकारी मसौदा (WD) भेजा गया था। इनपुट का मूल्यांकन करने और मसौदे को आगे बढ़ाने के लिए फरवरी 2024 में एक बैठक सहित बाद की बैठकें आयोजित की गई हैं। विकास प्रक्रिया में कई चरण शामिल हैं, जिसमें वर्तमान में द्वितीय समिति ड्राफ्ट (CD2) की सामग्री को अंतिम रूप देने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।


फरवरी 2025 तक, संशोधन समिति ड्राफ्ट (CD) चरण में बना हुआ है। पूरी तरह से समीक्षा और आम सहमति बनाने के लिए परियोजना की समयसीमा को 36 महीने तक बढ़ा दिया गया है। संशोधित ISO 9001 मानक का प्रकाशन अब सितंबर 2026 के लिए योजनाबद्ध है।


सुचारू परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए, संगठनों को आधिकारिक ISO संचार के माध्यम से अपडेट रहना चाहिए और उद्योग विशेषज्ञों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ना चाहिए। इस आलेख में दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों से संकलित की गई है।


सादर,

केशव राम सिंघल


 

बुधवार, 12 फ़रवरी 2025

सार - गुणवत्ता प्रबंधन (Quality Management)

सार - गुणवत्ता प्रबंधन (Quality Management)

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गुणवत्ता प्रबंधन समन्वित गतिविधियों का एक प्रणालीगत ढाँचा है, जो किसी उत्पाद या सेवा की गुणवत्ता को निर्देशित और नियंत्रित करने के लिए अपनाया जाता है। गुणवत्ता उस स्तर को दर्शाती है, जिस तक किसी उत्पाद या सेवा की अंतर्निहित विशेषताएँ अपेक्षाओं को पूरा करती हैं।


गुणवत्ता प्रबंधन मुख्य रूप से तीन घटकों पर आधारित होता है: गुणवत्ता नियोजन, गुणवत्ता आश्वासन और गुणवत्ता नियंत्रण।


गुणवत्ता नियोजन (Quality Planning) – इसमें गुणवत्ता मानदंडों और प्रक्रियाओं को परिभाषित किया जाता है, ताकि वांछित गुणवत्ता स्तर सुनिश्चित किया जा सके।


गुणवत्ता आश्वासन (Quality Assurance) – यह सुनिश्चित करता है कि नियोजित मानदंडों और प्रक्रियाओं का पालन हो रहा है, जिससे गुणवत्ता में स्थिरता बनी रहे।


गुणवत्ता नियंत्रण (Quality Control) – इसमें अंतिम उत्पाद या सेवा की जाँच की जाती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह निर्धारित मानकों और अपेक्षाओं को पूरा कर रही है।


गुणवत्ता प्रबंधन एक PDCA (योजना-करें-जाँचें-कार्रवाई करें) चक्र के रूप में कार्य करता है:


P (Plan) – गुणवत्ता नियोजन - इसमें स्वीकृति मानदंड और प्रक्रियाएँ स्थापित की जाती हैं।

D (Do) – गुणवत्ता आश्वासन - इसमें निर्धारित प्रक्रियाओं को लागू किया जाता है।

C (Check) – गुणवत्ता नियंत्रण - इसमें कार्यान्वयन की जाँच की जाती है।

A (Act) – समय पर सुधारात्मक एवं निवारक कार्रवाई - प्राप्त परिणामों के आधार पर आवश्यक सुधार किए जाते हैं।


इस प्रकार, गुणवत्ता प्रबंधन संगठनों को उच्च गुणवत्ता बनाए रखने और निरंतर सुधार की दिशा में कार्य करने में सहायता करता है।


सादर,

केशव राम सिंघल


सोमवार, 10 फ़रवरी 2025

गुणवत्ता

गुणवत्ता 

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गुणवत्ता केवल एक मानक, प्रमाणपत्र या कोई गंतव्य नहीं है। यह एक लगातार चलने वाली यात्रा है, जो लगातार सुधार और उत्कृष्टता की ओर ले जाती है। जब हम किसी उत्पाद या सेवा में गुणवत्ता को महत्त्व देते हैं तो हम नवीनतम सोच, तकनीक और बेहतर प्रक्रियाओं को अपनाने पर ध्यान देते हैं। 


दुनिया तेजी से बदल रही है। परिवर्तन बहुत ही तेजी से हो रहे हैं। हमें समय के साथ अपनी सोच में परिवर्तन करना जरूरी है, अन्यथा हम अन्य लोगों से पिछड़ जाएँगे। 


ग्राहक की संतुष्टि बहुत आवश्यक है, क्योंकि हम उसी पर निर्भर हैं और ग्राहक को उत्कृष्ट उत्पाद और सेवा से ही संतुष्ट किया जा सकता है। आज का युग प्रतिस्पर्धा का युग है। गुणवत्ता नवाचार (Quality Innovation) अपनाने पर ही हम आगे बढ़ सकते हैं। गुणवत्ता केवल ग्राहक की संतुष्टि का माध्यम नहीं है, बल्कि यह संगठन को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त (Competitive Advantage) भी प्रदान करता है। उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद और सेवाएँ ब्रांड की प्रतिष्ठा (Reputation) को मजबूत बनाती हैं और दीर्घकालिक सफलता सुनिश्चित करती हैं। कैसे हम आगे बढ़ें? मेरे कुछ सुझाव हैं - 


(1) पारम्परिक तरीकों से आगे सोचकर आगे बढ़े, अलग सोचें और नवाचार पद्धति अपनाएँ। 


(2) अपनी टीम को गुणवत्ता के प्रति जागरूक और प्रेरित करें। गुणवत्ता सीमित लोगों की नहीं, सभी की जिम्मेदारी है। टीम सदस्यों के बीच गुणवत्ता-संस्कृति के बीज बोएँ। गुणवत्ता केवल प्रबंधन की जिम्मेदारी नहीं होती, बल्कि प्रत्येक कर्मचारी की भागीदारी आवश्यक होती है। 

प्रशिक्षण (Training) और कौशल विकास (Skill Development) से टीम को सशक्त बनाना चाहिए।


(3) तकनीक का सही और प्रभावी उपयोग करें। डिजिटल उपकरण, स्वचालन और आकड़ों के विश्लेषण से गुणवत्ता सुधार करें। 


(4) लगातार सुधार की ओर विशेष ध्यान देते हुए अपनी पद्धतियों (प्रक्रियाओं) को सुधारें। आज की प्रतिस्पर्धात्मक दुनिया में संस्थाओं को लचीला (Agile) होना चाहिए, ताकि वे तेजी से बदलते बाज़ार और ग्राहक की माँगों के अनुरूप कार्य कर सकें। पीडीसीए (Plan-Do-Check-Act) चक्र को अपनाकर निरंतर सुधार सुनिश्चित किया जा सकता है।


(5) संस्थाओं को गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली (ISO 9001:2015 आदि) को अपनाना चाहिए, जिससे प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और कुशलता बढ़ती है। गुणवत्ता संपरीक्षण (Quality Audit) और प्रतिक्रिया प्रणाली (Feedback System) को नियमित रूप से लागू करें।


गुणवत्ता कोई संयोग नहीं है, बल्कि यह एक सुविचारित रणनीति, निरंतर प्रयास और जागरूकता का परिणाम होती है। जब हम अपनी सोच में नवीनता लाते हैं, प्रक्रियाओं को बेहतर करते हैं और ग्राहक संतुष्टि को प्राथमिकता देते हैं, तो हम न केवल प्रतिस्पर्धा में आगे रहते हैं, बल्कि उत्कृष्टता की ओर निरंतर बढ़ते रहते हैं। गुणवत्ता की यह यात्रा अनवरत है, और इसमें सतत सुधार ही सफलता की कुंजी है।


सादर,

केशव राम सिंघल 

गुणवत्ता का प्रतीकात्मक चित्र - साभार NightCafe