बुधवार, 27 मार्च 2013

परिरुप और विकास सत्यापन और वैधीकरण अपेक्षाये



अंतरराष्ट्रीय मानक आईएसओ 9001:2008 में गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए परिरुप और विकास सत्यापन अपेक्षाये क्या हैं?



अंतरराष्ट्रीय मानक आईएसओ 9001:2008 में गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए परिरुप और विकास सत्यापन अपेक्षाये मानक के पैरा 7.3.5 में अंकित हैं. मानक में वर्णित अपेक्षाओं के अनुसार यह सुनिश्चित करने के लिए कि परिरुप और विकास निर्गत परिरुप और विकास निवेश अपेक्षाओं को पूरा कराते हैं, आयोजित प्रबंधों (अर्थात व्यवस्थाओं) के अनुसार सत्यापन संपन्न किए जाएँ. आयोजित प्रबंधों (अर्थात व्यवस्थाओं) के लिए परिरुप और विकास आयोजना सन्दर्भ मानक के पैरा 7.3.1 में देखना चाहिये.

वर्णित अपेक्षाओं के अनुसार सत्यापन के परिणामों और की गई कोई आवश्यक कार्रवाई के अभिलेख रखे जाएँ.



अंतरराष्ट्रीय मानक आईएसओ 9001:2008 में गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए परिरुप और विकास वैधीकरण अपेक्षाये क्या हैं?

अंतरराष्ट्रीय मानक आईएसओ 9001:2008 में गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए परिरुप और विकास वैधीकरण अपेक्षाये मानक के पैरा 7.3.6 में अंकित है. मानक में वर्णित अपेक्षाओं के अनुसार यह सुनिश्चित करने के लिए कि परिणामित उत्पाद निर्दिष्ट अनुप्रयोग या अभीष्ट उपयोग के लिए, जहाँ ज्ञात हो, अपेक्षाओं को पूरा करने के योग्य हैं, परिरुप और विकास वैधीकरण आयोजित प्रबंधों (अर्थात व्यवस्थाओं) के अनुसार संपन्न किए जाएँ. मानक में यह भी वर्णित है कि जहाँ व्यावहारिक हो वैधीकरण उत्पाद की सुपुर्दगी या उसके उपयोग से पहले ही पूरी कर ली जाए. वैधीकरण के परिणामों और आवश्यक कार्रवाइयों के अभिलेख रखे जाएँ.

मंगलवार, 26 मार्च 2013

परिरुप और विकास पुनरीक्षण अपेक्षाये



अंतरराष्ट्रीय मानक आईएसओ 9001:2008 में गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए परिरुप और विकास पुनरीक्षण अपेक्षाये क्या हैं?



अंतरराष्ट्रीय मानक आईएसओ 9001:2008 में गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए परिरुप और विकास पुनरीक्षण अपेक्षाये मानक के पैरा 7.3.4 में वर्णित हैं. मानक में वर्णित अपेक्षाओं के अनुसार अपेक्षाये पूरा करने के लिए परिरुप और विकास के परिणामों की क्षमताओं का मूल्यांकन करने के लिए उपयुक्त चरणों में आयोजित प्रबंध (अर्थात व्यवस्थाओं) के अनुसार परिरुप और विकास के प्रणालीगत (क्रमबद्ध) पुनरीक्षण किए जाए. मानक में यह भी वर्णित है कि किन्हीं समस्याओं और प्रस्तावित आवश्यक कार्रवाइयों को पहचानने के लिए उपयुक्त चरणों में आयोजित प्रबंध (अर्थात व्यवस्थाओं) के अनुसार परिरुप और विकास के प्रणालीगत (क्रमबद्ध) पुनरीक्षण संपन्न किए जाए. आयोजित प्रबंध (अर्थात व्यवस्थाओं) हेतु परिरुप और विकास आयोजना सन्दर्भ मानक के पैरा 7.3.1 में देखना चाहिये.

अंतरराष्ट्रीय मानक में वर्णित अपेक्षाओं के अनुसार परिरुप और विकास पुनरीक्षण में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों में पुनरीक्षण किए जां रहे परिरुप और विकास चरणों से संबंधित प्रकार्योन के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए. पुनरीक्षण के परिणामों और किन्हीं आवश्यक कार्रवाइयों के अभिलेख रखे जाएँ.

इस लघु लेख में दी गयी जानकारी आपको कैसी लगी? कृपया अपनी प्रतिक्रिया से अवगत करायें।

शुभकामनाओं सहित,

केशव राम सिंघल



साभार - केशव राम सिंघल व डा. दिव्या सिंघल द्वारा संपादित 'आईएसओ ९००१:२००८ गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली पर प्रश्नोत्तर संदर्शिका', जिसे प्राप्त करने के लिए निम्न लिंक देखें -

http://iso9001awareness.blogspot.com/2011/07/management-systems-awareness.html

हिंदी में आईएसओ 9001 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली पर जानकारी देने वाला पहला ब्लॉग ....

कृपया अधिक से अधिक लोगों और संस्थाओं तक इस ब्लॉग की जानकारी भेजकर 'गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली' पर जागरूकता बढाने के हमारे प्रयास में सहभागी बनें.

आप 'गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली' से सम्बंधित विषय पर अपने विचार हमें भेज सकते हैं. .... कृपया इस ब्लॉग का लिंक अपने फेसबुक, ब्लॉग, ट्विटर और ईमेल द्वारा अधिक से अधिक लोगों के बीच साझा (शेयर) करें. आप भी अपना ईमेल अंकित कर इस ब्लॉग का पीछा कर सकते हैं.

आप अपनी संस्था में आईएसओ ९००१ गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली (ISO 9001 Quality Management System Awareness) , इसके कार्यान्वयन, प्रलेखन, आतंरिक संपरीक्षण आदि प्रशिक्षण या कन्सल्टेन्सी सलाह (consultancy guidance ) के लिए ईमेल द्वारा krsinghal@rediffmail.com या keshavsinghalajmer@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं. धन्यवाद.

शुक्रवार, 15 मार्च 2013

परिरुप और विकास - निवेश और निर्गत अपेक्षाये



अंतरराष्ट्रीय मानक आईएसओ 9001:2008 में गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए परिरुप और विकास निवेश अपेक्षाये क्या हैं?



मानक आईएसओ 9001:2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए परिरुप और विकास निवेश अपेक्षाये मानक के पैरा 7.3.2 में वर्णित हैं. मानक में वर्णित अपेक्षाओं के अनुसार संस्था उत्पाद अपेक्षाओं से संबंधित निवेशों को निर्धारित करे और इसके अभिलेख रखे. उत्पाद अपेक्षाओं से संबंधित निवेशों में निम्न शामिल किया जाना चाहिये:
- कार्यात्मक अपेक्षाये,
- निष्पादन अपेक्षाये,
- लागू वैधानिक और नियामक अपेक्षाये,
- जहाँ लागू हो, पूर्ववर्ती (पहले की) समान परिरुपों से प्राप्त सूचना, तथा
- परिरुप और विकास के लिए अन्य जरुरी अपेक्षाये.

अंतरराष्ट्रीय मानक में यह भी वर्णित किया गया है कि परिरुप और विकास निवेश की उपयुक्तता के लिए पुनरीक्षण किया जाए तथा अपेक्षाये पूरी तरह से स्पष्ट हों और एक-दूसरे के परस्पर विरोधी ना हों.

अंतरराष्ट्रीय मानक आईएसओ 9001:2008 में गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए परिरुप और विकास निर्गत अपेक्षाये क्या हैं?



अंतरराष्ट्रीय मानक आईएसओ 9001:2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए परिरुप और विकास निर्गत अपेक्षाये मानक के पैरा 7.3.3 में वर्णित हैं. मानक में वर्णित अपेक्षाओं के अनुसार परिरुप और विकास के निर्गत इस रूप में हों जो सत्यापन केलिये उपयुक्त हों और जिनका परिरुप और विकास निवेश के समक्ष सत्यापन किया जां सके और जारी करने से पूर्व अनुमोदन किया जाए.

मानक में वर्णित अपेक्षाओं के अनुसार यह जरुरी है कि परिरुप और विकास के निर्गत निम्न को पूरा करे:
- परिरुप और विकास के लिए निवेश अपेक्षाओं को पूरा करे,
- खरीद, उत्पादन और सेवा प्रावधान के लिए उपयुक्त सूचना प्रदान करे,
- उत्पाद स्वीकृति मापदंड सम्मिलित किए जाए अथवा उनका सन्दर्भ दिया जाए, और
- उत्पाद के सुरक्षित और सही उपयोग के लिए जरुरी उत्पाद की विशिष्टताओं का उल्लेख किया जाए.

क्या उत्पादन और सेवा प्रावधान के लिए सूचना में उत्पाद के संरक्षण के लिए वर्णन शामिल किए जां सकते है?

हाँ.
अंतरराष्ट्रीय मानक आईएसओ 9001:2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के पैरा 7.3.3 के अंत में एक नई टिप्पणी को जोड़ा गाया है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि उत्पादन और सेवा प्रावधान के लिये सूचना में उत्पाद के संरक्षण के लिए विवरण शामिल किए जां सकते हैं.

इस लघु लेख में दी गयी जानकारी आपको कैसी लगी? कृपया अपनी प्रतिक्रिया से अवगत करायें।

शुभकामनाओं सहित,

केशव राम सिंघल

साभार - केशव राम सिंघल व डा. दिव्या सिंघल द्वारा संपादित 'आईएसओ ९००१:२००८ गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली पर प्रश्नोत्तर संदर्शिका', जिसे प्राप्त करने के लिए निम्न लिंक देखें -

http://iso9001awareness.blogspot.com/2011/07/management-systems-awareness.html

हिंदी में आईएसओ 9001 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली पर जानकारी देने वाला पहला ब्लॉग ....

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गुरुवार, 14 मार्च 2013

परिरुप और विकास पुनरीक्षण, सत्यापन और वैधीकरण



यह बताएं कि क्या परिरुप और विकास पुनरीक्षण, सत्यापन और वैधीकरण के उद्देश्य एक से होते हैं या अलग-अलग होते हैं? क्या इन्हें एक साथ किया जाना चाहिये या अलग-अलग? क्या इनके अभिलेख एक साथ या अलग-अलग रखे जाने चाहिये?



अंतरराष्ट्रीय मानक आईएसओ 9001:2008 के पैरा 7.3.1 के अंत में एक नई टिप्पणी को जोड़ा गया है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि परिरुप और विकास पुनरीक्षण, सत्यापन और वैधीकरण के उद्देश्य अलग-अलग होते हैं. उत्पाद और संस्था के लिए जैसा उचित हो, परिरुप और विकास पुनरीक्षण, सत्यापन और वैधीकरण अलग-अलग या किसी संयोजन के साथ किए जां सकते हैं. इसी प्रकार इनके अभिलेख भी अलग-अलग या किसी संयोजन के साथ रखे जां सकते हैं.

इस लघु लेख में दी गयी जानकारी आपको कैसी लगी? कृपया अपनी प्रतिक्रिया से अवगत करायें।

शुभकामनाओं सहित,

केशव राम सिंघल

साभार - केशव राम सिंघल व डा. दिव्या सिंघल द्वारा संपादित 'आईएसओ ९००१:२००८ गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली पर प्रश्नोत्तर संदर्शिका', जिसे प्राप्त करने के लिए निम्न लिंक देखें -

http://iso9001awareness.blogspot.com/2011/07/management-systems-awareness.html

हिंदी में आईएसओ 9001 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली पर जानकारी देने वाला पहला ब्लॉग ....

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आप अपनी संस्था में आईएसओ ९००१ गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली (ISO 9001 Quality Management System Awareness) , इसके कार्यान्वयन, प्रलेखन, आतंरिक संपरीक्षण आदि प्रशिक्षण या कन्सल्टेन्सी सलाह (consultancy guidance ) के लिए ईमेल द्वारा krsinghal@rediffmail.com या keshavsinghalajmer@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं. धन्यवाद.

मंगलवार, 12 मार्च 2013

परिरुप और विकास अपेक्षाएं



संक्षेप में बताएं कि अंतरराष्ट्रीय मानक आईएसओ 9001:2008 में गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए परिरुप और विकास अपेक्षाएं किससे संबंधित हैं, और मानक के किस पैरा में वर्णित हैं?



अंतरराष्ट्रीय मानक आईएसओ 9001:2008 में गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए परिरुप और विकास अपेक्षाएं मानक के पैरा 7.3 में वर्णित हैं, जो निम्न से संबंधित हैं:
- पैरा 7.3.1 - परिरुप और विकास आयोजना (Design and development planning)
- पैरा 7.3.2 - परिरुप और विकास निवेश (Design and development inputs)
- पैरा 7.3.2 - परिरुप और विकास निर्गत (Design and development outputs)
- पैरा 7.3.4 - परिरुप और विकास पुनरीक्षण (Design and development review)
- पैरा 7.3.5 - परिरुप और विकास सत्यापन (Design and development verification)
- पैरा 7.3.6 - परिरुप और विकास वैधीकरण (Design and development validation)
- पैरा 7.3.7 - परिरुप और विकास परिवर्तनों पर नियंत्रण (Control of design and development changes)

अंतरराष्ट्रीय मानक आईएसओ 9001:2008 में गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए परिरुप और विकास आयोजना अपेक्षाएं क्या हैं?

गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए परिरुप और विकास आयोजना अपेक्षाएं अंतरराष्ट्रीय मानक आईएसओ 9001:2008 के पैरा 7.3.1 में वर्णित हैं. वर्णित अपेक्षाओं के अनुसार संस्था के लिए जरुरी है कि वह् उत्पाद के परिरुप और विकास की आयोजना करे और उसका नियंत्रण करे. परिरुप और विकास की आयोजना के दौरान संस्था को निम्न निर्धारित करना जरुरी है:
- परिरुप और विकास के चरण,
- पुनरीक्षण, सत्यापन और वैधीकरण, जो प्रत्येक परिरुप और विकास चरण के उपयुक्त हो, तथा
- परिरुप और विकास के उत्तरदायित्व और प्राधिकार.

मानक के अनुसार संस्था परिरुप और विकास में सम्बद्ध विभिन्न समूहों के बीच तालमेल का प्रबंध करे, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि संप्रेषण प्रभावी है और उत्तरदायित्वों का आवंटन स्पष्ट है. मानक में यह भी चाहा गाया है कि, जैसा उपयुक्त हो, परिरुप और विकास की प्रगति के साथ आयोजना निर्गतो को अद्यतन किया जाए.


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शुभकामनाओं सहित,

केशव राम सिंघल

साभार - केशव राम सिंघल व डा. दिव्या सिंघल द्वारा संपादित 'आईएसओ ९००१:२००८ गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली पर प्रश्नोत्तर संदर्शिका', जिसे प्राप्त करने के लिए निम्न लिंक देखें -

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हिंदी में आईएसओ 9001 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली पर जानकारी देने वाला पहला ब्लॉग ....

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आप अपनी संस्था में आईएसओ ९००१ गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली (ISO 9001 Quality Management System Awareness) , इसके कार्यान्वयन, प्रलेखन, आतंरिक संपरीक्षण आदि प्रशिक्षण या कन्सल्टेन्सी सलाह (consultancy guidance ) के लिए ईमेल द्वारा krsinghal@rediffmail.com या keshavsinghalajmer@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं. धन्यवाद.

प्रभावी ग्राहक संप्रेषण





प्रभावी ग्राहक संप्रेषण किस प्रकार किया जां सकता है और यह क्यों जरुरी है?



प्रभावी ग्राहक संप्रेषण कई तरीकों से किया जां सकता है, जैसे विज्ञापन द्वारा या सुचीपत्र (कैटलौग) में जानकारी देकर या उत्पाद के नमूने (सैम्पल) बाँटकर उत्पाद सुचना ग्राहकों तक पहुँचाई जां सकती हैं. संस्था यदि ग्राहक के साथ प्रभावी संप्रेषण करती है तो संस्था को भी अपने उत्पाद के बारे में सही और अधिक जानकारी देने का मौका मिलता है और साथ ही ग्राहक की अपेक्षाओं और उत्पाद से संबंधित शिकायतों को जानने का अवसर मिलता है. इसलिए संस्था मेंग्राकक संप्रेषण के लिए प्रभावी रचनातंत्र होना चाहिये.


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शुभकामनाओं सहित,

केशव राम सिंघल

साभार - केशव राम सिंघल व डा. दिव्या सिंघल द्वारा संपादित 'आईएसओ ९००१:२००८ गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली पर प्रश्नोत्तर संदर्शिका', जिसे प्राप्त करने के लिए निम्न लिंक देखें -

http://iso9001awareness.blogspot.com/2011/07/management-systems-awareness.html

हिंदी में आईएसओ 9001 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली पर जानकारी देने वाला पहला ब्लॉग ....

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