बुधवार, 23 अक्टूबर 2024

खाद्य सुरक्षा के प्रमुख सिद्धांत

खाद्य सुरक्षा के प्रमुख सिद्धांत

 










विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सुरक्षित भोजन नियमावली (Five Keys to Safer Food Manual) 2006 में जारी की थी। इस नियमावली का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना और भोजन जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए सरल और प्रभावी दिशानिर्देश प्रदान करना है। इस नियमावली में खाद्य सुरक्षा के पाँच प्रमुख सिद्धांतों का वर्णन किया गया है। ये पाँच सिद्धांत निम्न हैं -

 

(1) स्वच्छता बनाए रखें (Keep Clean)

(2) कच्चे और पके हुए भोजन को अलग रखें (Separate Raw and Cooked Food)

(3) भोजन को अच्छी तरह पकाएँ (Cook Food Thoroughly)

(4) सुरक्षित तापमान पर भोजन का भंडारण करें (Store Food at Safe Temperatures)

(5) स्वच्छ पानी और सुरक्षित कच्ची सामग्री का उपयोग करें (Use Safe Water and Raw Materials)

 

हाल ही में भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards) ने भारतीय मानक आईएस 2491 :2024 खाद्य स्वच्छता - सामान्य सिद्धांत - रीति संहिता (IS 2491 :2024 Food Hygiene - General Principles - Code of Practices) जारी किया है, जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सुरक्षित भोजन नियमावली से ही सिद्धांतों को लिया गया है। आइये हम उपर्युक्त पाँच सिद्धांतो की चर्चा करें।

 

स्वच्छता बनाए रखें (Keep Clean)

 

भोजन तैयार करते और परोसते समय स्वच्छता बहुत जरूरी है। भोजन तैयार करते समय और खाने से पहले हाथों की सफाई करें। खाना पकाने और परोसने के लिए उपयोग किए जाने वाले बर्तनों और स्थानों को साफ रखें। कीटाणुओं से बचने के लिए रसोई के उपकरणों और सतहों को नियमित रूप से साफ करें। गंदे पानी के उपयोग से बचें क्योंकि यह भोजन को दूषित कर सकता है। स्वच्छ पानी का उपयोग करें।

 

कच्चे और पके हुए भोजन को अलग रखें (Separate Raw and Cooked Food)

 

कच्चे माँस, मछली, और अन्य कच्चे खाद्य पदार्थों को पके हुए भोजन से अलग रखें ताकि एक-दूसरे के दूषण (Cross-contamination) से बचा जा सके। कच्चे और पके भोजन के लिए अलग-अलग चाकू और कटिंग बोर्ड का उपयोग करें।

 

भोजन को अच्छी तरह पकाएँ (Cook Food Thoroughly)

 

खाद्य पदार्थों को सही तापमान पर अच्छी तरह पकाएँ, ताकि सभी हानिकारक कीटाणु नष्ट हो सकें। माँस, चिकन, अंडे और समुद्री भोजन को विशेष रूप से अच्छे से पकाएँ। पहले से पके हुए भोजन को खाने से पहले अच्छी तरह गर्म करें।

 

सुरक्षित तापमान पर भोजन का भंडारण करें (Store Food at Safe Temperatures)

 

भोजन को सुरक्षित तापमान पर रखें। गर्म भोजन को 60°C से ऊपर और ठंडे भोजन को 5°C से नीचे के तापमान पर रखना चाहिए। यह ध्यान रखें कि पके हुए भोजन को लंबे समय तक कमरे के तापमान पर न रखें। बचे हुए भोजन को शीघ्रता से ठंडे स्थान पर रखें और उचित भंडारण करें।

 

स्वच्छ पानी और सुरक्षित कच्ची सामग्री का उपयोग करें (Use Safe Water and Raw Materials)

 

साफ पानी और सुरक्षित सामग्री का उपयोग भोजन तैयार करने में करें। ऐसे खाद्य पदार्थों का उपयोग करें जो रसायनों और दूषित पदार्थों से मुक्त हों। फल और सब्जियों को अच्छी तरह स्वच्छ तरीके से धोकर की उपयोग करें।

 

नियमावली का उद्देश्य

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा  2006 में जारी सुरक्षित भोजन नियमावली (Five Keys to Safer Food Manual) में दिए गए सिद्धांतो का उद्देश्य उपभोक्ताओं को भोजन से जुड़ी बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए उन लोगों को जागरूक करना है, जो भोजन तैयार करने और परोसने में लगे रहते हैं। इन सिद्धांतों का पालन कर सरल और आसानी से अपनाई जा सकने वाली प्रथाओं के माध्यम से घरेलू रसोई और व्यवसायों में खाद्य सुरक्षा बधाई जा सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की इस सुरक्षित भोजन नियमावली में हर प्रमुख सिद्धांत को विस्तार से समझाया गया है, ताकि लोग अपने दैनिक जीवन में उन्हें आसानी से लागू कर सकें और स्वस्थ आदतें अपनाएँ। इस भोजन नियमावली को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से प्राप्त किया जा सकता है।

 

सादर,

केशव राम सिंघल

 

शुक्रवार, 18 अक्टूबर 2024

छोटा ‘क्यू’गुणवत्ता (Small 'q' quality) से बड़ा ‘क्यू’ गुणवत्ता (Big 'Q' Quality) तक का सफ़र

छोटा ‘क्यूगुणवत्ता (Small 'q' quality) से बड़ा ‘क्यू गुणवत्ता (Big 'Q' Quality) तक का सफ़र

 










गुणवत्ता (Quality) एक परिवर्तनशील या तरल अवधारणा है - इसे परिभाषित करना कठिन है और इसे प्रबंधित करना भी कठिन है, मुख्यतः इसलिए क्योंकि यह व्यक्तिपरक है। हर व्यक्ति की गुणवत्ता के बारे में अपनी अलग धारणा होती है। विभिन्न लेखकों ने गुणवत्ता को अलग-अलग तरीके से परिभाषित किया है, जिससे इसके अर्थ के बारे में निरंतर चर्चा होती रहती है। जुरान की गुणवत्ता पुस्तिका (Juran’s Quality Handbook) गुणवत्ता की दो मूलभूत परिभाषाएँ प्रदान करती है:

 

1. गुणवत्ता का अर्थ है उत्पादों के वे लक्षण (features) जो ग्राहकों की ज़रूरतों को पूरा करते हैं और इस तरह ग्राहक संतुष्ट होता है।

 

2. गुणवत्ता का अर्थ है कमियों (deficiencies) से मुक्ति - उन त्रुटियों (errors) से मुक्ति जिनके लिए फिर से काम (rework) करने की जरुरत पड़ती है या जो फ़ील्ड विफलताओं (field failure), ग्राहक दावों (customer claims) आदि का कारण बनते हैं। 

 

डॉ. जोसेफ एम. जुरान कहते हैं कि गुणवत्ता का मतलब उपयोग के लिए उपयुक्तता (fitness for use) है और वे इस बात पर जोर देते हैं कि यह ग्राहक ही है जो उपयुक्तता (fitness) को परिभाषित करता है। 1980 के दशक में, उन्होंने छोटा 'क्यू' गुणवत्ता और बड़ा 'क्यू' गुणवत्ता की अवधारणाएँ पेश कीं, जिन पर उस दशक के दौरान व्यापक रूप से चर्चा हुई।

 

जुरान ने संस्थाओं का ध्यान संकीर्ण, उत्पाद-आधारित गुणवत्ता नियंत्रण (narrow, product-based quality control) से रणनीतिक, संस्था-व्यापी दृष्टिकोण (strategic, organization-wide approach) की ओर स्थानांतरित करने के लिए इस अंतर को पेश किया। उनका लक्ष्य प्रबंधन नेताओं (management leaders) को सभी स्तरों और कार्यों में गुणवत्ता को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना था, न कि केवल उत्पादन या सेवा वितरण के दौरान। छोटा 'क्यू' गुणवत्ता से बड़ा 'क्यू' गुणवत्ता तक के विकास ने गुणवत्ता को कैसे स्वीकार और प्रबंधित किया जाता है, इसने एक महत्वपूर्ण परिवर्तन को चिह्नित किया।

 

छोटा 'क्यू' और बड़ा 'क्यू' गुणवत्ता अवधारणाओं का ऐतिहासिक विकास

 

जुरान, जो अपनी जुरान त्रयी (Juran Trilogy), गुणवत्ता नियोजन, गुणवत्ता नियंत्रण और गुणवत्ता सुधार (Quality Planning, Quality Control, and Quality Improvement) के लिए जाने जाते हैं, ने देखा कि अधिकांश संस्थाएं उत्पाद की गुणवत्ता के निरीक्षण पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित करती हैं - एक प्रथा जिसे उन्होंने छोटा 'क्यू' गुणवत्ता के रूप में संदर्भित किया। उन्होंने एक व्यापक, अधिक रणनीतिक दृष्टिकोण के लिए तर्क दिया कि संस्थाओं को स्थायी सफलता प्राप्त करने के लिए उन्हें  गुणवत्ता प्रबंधन (quality management) को अपने रणनीतिक लक्ष्यों (strategic goals) के साथ संरेखित (align) करने की जरुरत है।

 

यह वह समय था जब जापानी औद्योगिक उत्पाद पश्चिमी समकक्षों से बेहतर प्रदर्शन कर रहे थे, जिसने पश्चिमी संस्थाओं को अपनी गुणवत्ता रणनीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया। यह परिवर्तन निरीक्षण और नियंत्रण (inspection and control) से आगे बढ़ा; इसने संपूर्ण व्यावसायिक प्रणाली के अभिन्न अंग के रूप में गुणवत्ता की एक नई दृष्टि (new vision) प्रदान की।

 

जुरान ने गुणवत्ता के लिए नेतृत्व और प्रणाली सोच (leadership and system thinking) की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने संस्था की संस्कृति में गुणवत्ता को एकीकृत करने की वकालत की। उनके विचार में, छोटा 'क्यू' गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करना ग्राहकों की बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं था। इसके बजाय, गुणवत्ता को संस्था के सभी क्षेत्रों में व्याप्त होना चाहिए, उदाहरण के लिए अनुसंधान और विकास और वित्त से लेकर ग्राहक संबंध और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन तक।

 

1987 में, अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (ISO) ने गुणवत्ता प्रबंधन मानकों के आईएसओ 9000 परिवार की शुरुआत की, जो व्यवस्थित गुणवत्ता प्रबंधन की ओर एक बदलाव को दर्शाता है। 1990 के दशक तक, बड़ा 'क्यू' गुणवत्ता की अवधारणा समग्र गुणवत्ता प्रबंधन (TQM) सिद्धांतों के साथ संरेखित हो गई, जिसमें क्रॉस-फ़ंक्शनल सहयोग (cross-functional collaboration), ग्राहक फ़ोकस (customer focus) और निरंतर सुधार (continual improvement) पर ज़ोर दिया गया।

 

इस विकास ने आईएसओ 9001 मानक के बाद के संस्करणों को भी प्रभावित किया, जो सरल उत्पाद या सेवा नियंत्रण (simple product or service control) से व्यापक प्रबंधन दृष्टिकोण (comprehensive management approach) में बदल गया। नए मानकों ने नेतृत्व की भागीदारी, त्रुटि रोकथाम, निरंतर सुधार और ग्राहक संतुष्टि पर जोर दिया, इस प्रकार बड़ा 'क्यू' गुणवत्ता अवधारणा को पूरी तरह से अपनाया।

 

छोटा 'क्यू' गुणवत्ता

 

छोटा 'क्यू' गुणवत्ता अवधारणा परिचालन-स्तर की गतिविधियों पर केंद्रित है और इसका दायरा सीमित है। यह गुणवत्ता की पारंपरिक समझ को दर्शाता है, जो मुख्य रूप से उत्पाद या सेवा परिणामों पर केंद्रित है।

 

यह दृष्टिकोण उत्पादन या सेवा वितरण प्रक्रिया के दौरान गुणवत्ता नियंत्रण, निरीक्षण और दोष निवारण या सुधार पर जोर देता है। छोटा 'क्यू' गुणवत्ता यह सुनिश्चित करती है कि प्रत्येक निर्मित भाग या प्रदान की गई सेवा आवश्यक विनिर्देशों और अपेक्षाओं को पूरा करती है।

 

बड़ा 'क्यू' गुणवत्ता

 

बड़ा 'क्यू' गुणवत्ता अवधारणा का फोकस व्यापक, संस्था-व्यापी है। यह गुणवत्ता के प्रबंधन के लिए एक समग्र और रणनीतिक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें संपूर्ण संस्था और इसकी सभी प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं।

 

बड़ा 'क्यू' गुणवत्ता दीर्घकालिक लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करता है, जैसे कि ग्राहक संतुष्टि, निरंतर सुधार और संस्थागत उत्कृष्टता। इस दृष्टिकोण में समग्र गुणवत्ता प्रबंधन अभ्यास, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों को लागू करना, नेतृत्व की भागीदारी और हितधारक जुड़ाव शामिल हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित निगरानी और माप (regular monitoring and measurement) की भी आवश्यकता होती है कि गुणवत्ता लक्ष्य लगातार प्राप्त किए जा रहे हैं।

 

बड़ा 'क्यू' गुणवत्ता का अंतिम उद्देश्य संस्था के सभी स्तरों पर गुणवत्ता संस्कृति को बढ़ावा देना है। यह संस्था के उद्देश्य (mission) में गुणवत्ता को एकीकृत करता है और निरंतर सुधार प्रथाओं को बढ़ावा देता है, जैसे कि काइज़न और 5 एस।

 

सारांश

 

बड़ा 'क्यू' गुणवत्ता की अवधारणा संस्थाओं को व्यक्तिगत उत्पाद या सेवा गुणवत्ता से आगे बढ़ने और एक व्यापक गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस प्रणाली को स्थायी सफलता सुनिश्चित करने के लिए सभी स्तरों पर प्रक्रियाओं (processes) और लोगों (people) के साथ-साथ शीर्ष प्रबंधन (top management) की भागीदारी जरूरी होती है।

 

संक्षेप में, छोटा 'क्यू' गुणवत्ता "चीजों को सही तरीके से करने" (Doing things right) पर ध्यान केंद्रित करता है, जबकि बड़ा 'क्यू' गुणवत्ता दीर्घकालिक, स्थायी सफलता के लिए "सही चीजें करने" (Doing the right things) पर जोर देता है। गुणवत्ता की यात्रा छोटा 'क्यू' गुणवत्ता से बड़ा 'क्यू' गुणवत्ता तक विकसित हुई है, जो परिचालन दक्षता से रणनीतिक उत्कृष्टता (operational efficiency to strategic excellence) की ओर बदलाव को दर्शाती है।

 

सादर,

केशव राम सिंघल

सोमवार, 14 अक्टूबर 2024

विश्व मानक दिवस 2024

विश्व मानक दिवस 2024 

 










विश्व मानक दिवस (World Standards Day) हर वर्ष 14 अक्टूबर को वैश्विक रूप से उन पेशेवरों और विशेषज्ञों के प्रयासों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है, जो भारतीय मानक ब्यूरो (BIS), अमेरिकन सोसाइटी ऑफ मैकेनिकल इंजीनियर्स (ASME), इंटरनेशनल इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन (IEC), इंटरनेशनल एथिक्स स्टैंडर्ड्स बोर्ड फॉर अकाउंटेंट्स (IESBA), इंटरनेशनल ऑर्गनाइज़ेशन फॉर स्टैंडर्डाइज़ेशन (ISO), इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन (ITU), इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स (IEEE), इंटरनेट इंजीनियरिंग टास्क फोर्स (IETF) और अन्य मानक विकास संगठनों में स्वैच्छिक मानकों को विकसित करने में योगदान देते हैं।

 








चित्र साभार - आईएसओ 


विश्व मानक दिवस का मुख्य उद्देश्य नियामकों, उद्योगों और उपभोक्ताओं के बीच मानकीकरण के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है। मानकीकरण प्रक्रियाओं को सरल बनाता है, नवाचार को प्रोत्साहित करता है, दक्षता को बढ़ाता है, अपव्यय को कम करता है, और बेहतर उत्पादों, सेवाओं और प्रणालियों के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करता है।

 

14 अक्टूबर का चयन विशेष रूप से 1946 में उस दिन को चिह्नित करने के लिए किया गया था जब 25 देशों के प्रतिनिधियों ने लंदन में एकत्र होकर एक अंतरराष्ट्रीय संगठन बनाने का निर्णय लिया, जिसका उद्देश्य मानकीकरण को बढ़ावा देना था। पहला विश्व मानक दिवस 1971 में मनाया गया था। इसे अंतरराष्ट्रीय मानक दिवस के नाम से भी जाना जाता है।

 

दुनिया भर में राष्ट्रीय मानक निकाय और अंतर-सरकारी संगठन इस दिन को मनाने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करते हैं। हर वर्ष विश्व मानक दिवस का एक विशेष विषय (theme) होता है। 2024 का विषय है "बेहतर दुनिया के लिए साझा दृष्टिकोण: एसडीजी के लिए मानक," जो सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के साथ मेल खाता है। ये लक्ष्य शांति, समृद्धि, और लोगों और ग्रह के कल्याण के लिए एक संयुक्त आह्वान हैं, और इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है।

अंतरराष्ट्रीय मानक इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए व्यावहारिक समाधान प्रदान करते हैं। इन मानकों का उपयोग करके हम वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में योगदान करते हैं। SDG 9 का ध्यान मजबूत बुनियादी ढांचे के निर्माण, समावेशी और सतत औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने और नवाचार को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है। अंतरराष्ट्रीय मानक वैश्विक प्रगति की रीढ़ हैं। ये अंतर-संचालनीयता, सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करते हैं, और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देते हैं, खासकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के माध्यम से नवाचार को तेज करने में।

 

ISO, IEC, और ITU का संयुक्त संदेश इस विश्व मानक दिवस 2024 के लिए इस बात पर जोर देता है कि अंतरराष्ट्रीय मानक वे अदृश्य आधारभूत संरचनाएँ हैं जो हमारे द्वारा उपयोग किए जाने वाले उत्पादों और सेवाओं की सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करती हैं। मानक सहयोग पर आधारित होते हैं और वैश्विक सहयोग की शक्ति को दर्शाते हैं। हजारों ISO और IEC मानक 17 संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा, जिम्मेदार AI, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों द्वारा निर्देशित है, SDG 9 के लक्ष्यों को पूरा करने में विशेष रूप से सहायक हो सकता है।

 

मुझे यह बताते हुए हर्ष है कि मानकों और गुणवत्ता जागरूकता के लिए मैं समय-समय पर अपने निम्न ब्लॉगों पर जागरूकता लेख और अन्य सामग्री साझा करता रहता हूँ:

 

- गुणवत्ता अवधारणाएँ और आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंधप्रणाली पर जागरूकता पर अंग्रेजी ब्लॉग (Quality Concepts and ISO 9001:2015 QMSAwareness)

- गुणवत्ता और गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली पर जानकारी (हिंदीब्लॉग) 

 

इस अवसर पर, मैं उन सभी को अपनी हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ, विशेष रूप से उन लोगों को, जो मानकों को विकसित करने, उनके बारे में जागरूकता फैलाने और मानकों का उपयोग करके एक बेहतर दुनिया बनाने में लगे हैं। विश्व मानक दिवस 2024 की शुभकामनाएँ!

 

सादर,
केशव राम सिंघल