गुरुवार, 1 फ़रवरी 2024

कहानी - गुणवत्ता की ओर - सुरेश की कंपनी में गुणवत्ता प्रबंधन की यात्रा - 4

सुरेश की कंपनी में गुणवत्ता प्रबंधन की यात्रा 
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तभी रवि ने अपनी घड़ी देखी। वह कम समय में अपनी बात कह पा रहा था। सुरेश, उसके पिता और किशोर बहुत ही ध्यान से उसकी बातें सुन रहे थे।  

रवि - किसी संस्था में एक प्रणाली उस समय अच्छी तरह से काम कर सकती है, जब जिम्मेदारियाँ और अधिकार उसके स्टाफ को सौंपे जाते हैं। छोटे ढाँचे या अनौपचारिक ढाँचे में, कोई भी प्रणाली ज़िम्मेदारियाँ और अधिकार निर्दिष्ट किए बिना लागू की जा सकती है, फिर भी किसी संस्था में ज़िम्मेदारियाँ और अधिकार निर्दिष्ट करना हमेशा बेहतर होता है, इसलिए मेरा सुझाव है कि आप अपनी संस्था में ज़िम्मेदारियाँ और अधिकार निर्दिष्ट अवश्य करें। ऐसी प्रणाली, ज़िम्मेदारियाँ और अधिकार निर्दिष्ट किए बिना, संभवतः अराजक, अक्षम और संघर्षों से ग्रस्त रहेंगी। संस्था की संगठनात्मक संरचना संस्था के लक्ष्यों को प्राप्त करने, संस्था के लोगों के प्रयासों के समन्वय और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करती है। किसी संस्था में स्पष्ट रूप से परिभाषित जिम्मेदारियों और प्राधिकारों के बिना, यह पता लगाना मुश्किल है कि कौन किसके लिए जिम्मेदार या जवाबदेह है, और इससे संस्था में दिशा और समन्वय की कमी हो जाती है। किसी संस्था में जिम्मेदारियाँ और अधिकार सौंपना कई कारणों से आवश्यक है। ज़िम्मेदारियाँ और अधिकार सौंपे जाने से प्रत्येक व्यक्ति यह जानने में सक्षम हो जाता है कि उसकी विशिष्ट भूमिका क्या है और उससे क्या अपेक्षा की जाती है। जब ज़िम्मेदारियाँ और अधिकार सौंपे जाते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि कौन किसके लिए ज़िम्मेदार या जवाबदेह है। किसी संस्था में परिभाषित जिम्मेदारियाँ और अधिकार निर्णय लेने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करते हैं, काम के दोहराव (duplication) से बचते हैं और संस्था में समग्र प्रदर्शन को बढ़ाते हैं। किसी संस्था में स्पष्ट जिम्मेदारियाँ और अधिकार होने से उन विवादों की संभावना कम हो जाती है जो भूमिकाओं के ओवरलैप होने या निर्णय लेने में टकराव के कारण उत्पन्न हो सकते हैं।













साभार - प्रतीकात्मक चित्र AI की सहायता से तैयार किया। 




सुरेश - मैं आपकी बात से सहमत हूँ। हम यह जानते हैं कि किसी संस्था में सौंपी गई जिम्मेदारियों और प्राधिकारों के अभाव में भ्रम या अराजकता की संभावना रहती है। कर्मचारियों को यह नहीं पता होगा कि वे किस काम के लिए जिम्मेदार या जवाबदेह हैं और ऐसी स्थिति से भ्रम और अक्षमता पैदा हो सकती है। मुझे यह बताते हुए खुशी है कि हमने अपनी संस्था में जिम्मेदारियों और प्राधिकारों को लिखित रूप में निर्दिष्ट कर रखा है। 

रवि - मुझे यह जानकर प्रसन्नता है कि आपने अपनी संस्था में जिम्मेदारियों और प्राधिकारों को निर्दिष्ट कर रखा है। संस्था में जिम्मेदारियाँ और प्राधिकार सौंपने से कई लाभ मिलते हैं, जैसे न्यूनतम भ्रम और ओवरलैप के साथ सुचारू रूप से कार्य करना, बढ़ी हुई उत्पादकता, बेहतर प्रदर्शन, कुशल निर्णय लेना, और लोगों में कर्मचारी की संतुष्टि को बढ़ावा देना। मैं आपको एक बात बताना चाहता हूँ कि संस्था में आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के कार्यान्वयन के संबंध में, मानक संस्था की भूमिकाओं, जिम्मेदारियों और प्राधिकारों (खंड 5.3) के संबंध में अपेक्षाओं का उल्लेख करता है।

सुरेश - आपने मानक का उल्लेख किया है। क्या हम यह मानक प्राप्त कर सकते हैं? 

रवि - बिलकुल। आपको ये मानक भारतीय मानक ब्यूरो से मिल सकते हैं। आप इन्हें भी ऑनलाइन आर्डर देकर मँगा सकते हैं या फिर भारतीय मानक ब्यूरो के ऑफिस से हार्डकॉपी मानक खरीद सकते हैं। 

सुरेश - कौन-कौन से मानक हमें लेने चाहिए?

रवि - आईएसओ 9000 परिवार में बहुत से मानक हैं, जिनकी जानकारी आपको ट्रेनिंग हैंडबुक और किंडल पुस्तक में मिल सकती है, फिर भी मैं आपको आईएस/आईएसओ 9000:2015 और आईएस/आईएसओ 9001:2015 मानकों को खरीदने की सलाह दूँगा।  

तभी सुरेश ने किशोर की ओर देखते हुए कहा - किशोर, तुम कुछ पूछना चाहते हो?

किशोर - मैंने सुना है कि गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली लागू करने के लिए एक प्रबंधन प्रतिनिधि नियुक्त करने की जरुरत है। क्या यह जरूरी है कि हम किसी गुणवत्ता प्रोफेशनल को नियुक्त करें?
 
रवि - आपकी संस्था के आकार-प्रकार को देखते हुए किसी गुणवत्ता प्रोफेशनल को नियुक्त करने की जरुरत नहीं है। साथ ही मैं बताना चाहता हूँ कि आईएसओ 9001:2008 गुणवत्ता मानक में गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली गतिविधियों के समन्वय के लिए एक प्रबंधन प्रतिनिधि नियुक्त करने की अपेक्षा थी, लेकिन वर्तमान आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक के लिए किसी व्यक्ति को प्रबंधन प्रतिनिधि के रूप में विशेष रूप से नियुक्त करने की अपेक्षा नहीं है। 

किशोर - यदि प्रबंधन प्रतिनिधि नियुक्त नहीं होगा तो गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली की मॉनिटरिंग कौन करेगा? 

रवि - आपने बहुत ही प्रासंगिक प्रश्न पूछा है। वर्तमान आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक में प्रबंधन प्रतिनिधि नियुक्ति के लिए स्पष्ट अपेक्षा का उल्लेख नहीं किया गया है, हालाँकि प्रबंधन प्रतिनिधि जो गतिविधियाँ पहले कर रहा था, वे अभी भी आवश्यक हैं। अब ऐसी सभी गतिविधियों की जिम्मेदारियाँ शीर्ष प्रबंधन के माध्यम से पूरी की जानी आवश्यक हैं। वर्तमान आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली मानक शीर्ष प्रबंधन की भागीदारी पर अधिक जोर देता है और मानक के लिए संस्था के भीतर प्रासंगिक भूमिकाओं के लिए जिम्मेदारियों और प्राधिकारों को सौपने की आवश्यकता होती है। इस प्रकार, संस्था के शीर्ष प्रबंधन को बहुत से काम करने की जरुरत है। उसे आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली अपेक्षाओं की अनुरूपता (conformance) सुनिश्चित करनी चाहिए, उसे यह सुनिश्चित करना है कि संस्था की प्रक्रियाएं अपेक्षित आउटपुट  प्रदान करती हैं, उसे गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के प्रदर्शन और सुधार के अवसरों की रिपोर्ट देनी होगी, पूरी संस्था में  ग्राहक फोकस (customer focus) को बढ़ावा देना सुनिश्चित करना है, और परिवर्तनों की योजना बनाते और लागू करते समय गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली की अखंडता बनाए रखना सुनिश्चित करना।

किशोर - यह तो बिलकुल प्रबंधन प्रतिनिधि जैसा ही काम है। क्या कोई संस्था इन कामों के लिए एक से अधिक व्यक्तियों को ऐसी भूमिका निभाने के लिए निर्दिष्ट कर सकता है?

रवि - बिलकुल, ऐसी जिम्मेदारियाँ और प्राधिकार एक या अधिक व्यक्तियों को सौंपे जा सकते हैं या शीर्ष प्रबंधन स्वयं ऐसी भूमिका निभा सकता है। इस सम्बन्ध में संस्था के शीर्ष प्रबंधक को उचित निर्णय लेना चाहिए। निष्कर्ष में हम कह सकते हैं कि संस्था में जिम्मेदारियाँ और प्राधिकार सौंपना संस्था के कामकाज, बेहतर उत्पादकता और समग्र सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। और यहाँ संस्था के शीर्ष प्रबंधन को अपनी भूमिका अच्छे से निभानी की जरुरत है।  

तभी रवि ने घड़ी के ओर देखा। 

सुरेश - रवि जी, आपने बहुत ही उपयोगी जानकारी हमें दी हैं। मैं आपका धन्यवाद देता हूँ कि आपने हमें समय दिया। जब भी मुझे जरुरत होगी मैं आपसे संपर्क करूँगा। 

रवि अपनी कुर्सी से उठने को तत्पर ही हुआ कि सुरेश उसे रोका और कहा - दो मिनिट, फिर किशोर की ओर देखा। किशोर भाग कर बाहर गया और कुछ ही पल में एक लिफाफा लेकर वापिस आया और वह लिफाफा उसने सुरेश को दे दिया।  

सुरेश अपनी कुर्सी से खड़ा हुआ और आदर से वह लिफाफा रवि को दिया और फिर रवि ने वहाँ से विदा ली। रवि के जाने के बाद सुरेश ने अपने पिता और किशोर की ओर देखते हुए कहा कि रवि ने हमें बहुत सी प्रासंगिक बातें बताईं हैं। मैं चाहता हूँ कि पहले मैं सम्बंधित साहित्य को पढ़ लूँ, उसके बाद मैं डिपार्टमेंटल हेड्स की एक मीटिंग बुलाना चाहता हूँ। साथ ही किशोर से उसने कहा कि जब भी कोई जयपुर या दिल्ली जा रहा हो, वह भारतीय मानक ब्यूरो के ऑफिस से आईएस/आईएसओ 9000:2015 और आईएस/आईएसओ 9001:2015 मानक खरीदकर लेता आए। किशोर ने बताया कि परचेज डिपार्टमेंट से कल सुबह कोई जयपुर जाएगा अतः उसे कह देंगे तो वह लेता आएगा। 

शेष फिर,
केशव राम सिंघल 

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